in

LikeLike WOWWOW InformativeInformative OMGOMG BestBest Nice OneNice One

व्यक्ति एक,‌ व्यक्तितव अनेक!

व्यक्ति एक,‌ व्यक्तितव अनेक!

हम दोनों अलग थी
मैं शांत और वह बेसब्र थी
हमारे मतभेदों के बाद भी
एक जैसी हम दिखती थी
मैं कभी समझ न पाई
मेरी त्वचा बेदाग और खरोंचों की
उसकी त्वचा थी टैटूज़ से भरी
जहां तक मुझे याद है कि
हम अच्छे दोस्त थे
दोनों को दुनिया लगती थी जेल सी
लड़के भी पसंद थे‌ एक जैसे
बात बनीं एक ही लड़के से वैसे
वो और मैं मिले कुछ साल पहले
साथ ही हम‌ बड़े और‌ बढ़े
पहली बार साथ ही बियर पी
मैं रही दिल्ली, वह मुंबई गई
मेरा सामान्य जीवन, सामान्य अनुभवों से भरा
मगर उसका जीवन अलग ही था
मैंने हमेशा सामाजिक होने की कोशिश की
लेकिन उसने हमेशा दूरी बनाए रखी
उसने मुझे स्किज़ोफ्रेनिया से पीड़ित रोगी से
परिचित कराया
रोगी ने ऐसे दिखाया, जो उसे वास्तविक न लग पाया
कुछ दिन बाद उसने फ़ोन पर बताया
कि एक दिन महसूस करने की क्षमता को खत्म पाया
मैंने उसे वापस दिल्ली बुलाया
और उसने समझाया
कि जब हम महसूस करने की क्षमता खो देते हैं
तो रोने की क्षमता अपने आप ख़त्म हो जाएगी
जैसे मेरी सामान्य जिंदगी को सुकून मिला
यह पाने‌ में भी मुझे समय लगा
लेकिन उसको हमेशा दुःख मिला
चीजें कब बदलती थी, उसको न थी ख़बर
तबियत ख़राब होने का था उसमें डर
दवाईयां बनी बिमारियों का कारण
मगर मानसिक रोग की दुनिया में
दवाई से ही जगी थी उम्मीदें
बातें सुनकर मैंने उस‌ पर गौर किया
अनपेक्षित तनाव ने
उसका व्यक्तित्व काफ़ी बदल दिया
उसका मिजाज़ असहनीय हो गया
कुछ दोस्तों को उसने खो दिया
वह खुद की समस्यायों को आते न देख सकीं
ऐसे सफ़र में साथ मैं उसके रही
मैंने हमेशा सोचा कि
ऐसा क्या हुआ जो उसे बदल गया
किसने उसे ऐसा बना दिया
दिमागी तौर पर उसे अस्वस्थ किया
मैं उसे खुश देखना चाहती थी
क्यों न वह हो सकती थी?
दवाइयों की दुनिया में घिरी
पर क्यों न दवाईयों से बाहर
दुनिया में उसकी उम्मीदें जगी?
उसके टैटूज़ विश्वासघात को दर्शाते थे
मरने की बात लगी थी अक्सर करने
पर किसी को बता नहीं सकीं
चुप्पी की घूंट थी उसने पी
मैं इन्सानों की कुछ अच्छाई ढूंढती
उससे हमेशा बुराई ही दिखती
मैं लोगों से मदद चाहती थी
उसे खुद की लाश ही दिखीं
मैंने उसे समझाया कि
डाक्टर कुछ बुरा नहीं करेंगे
वह कहने लगी कि
एक वार से हम कभी दोबारा न जगेंगे
हम कभी भी एक दूसरे से सहमत न थे
और न कभी देख सकें
कि यह “हम” कभी था ही नहीं
वो और मैं हिस्सा थी एक ही शरीर की।

 

अन्य रोचक लेख

What do you think?

114 Points

Written by Nidhi Dahiya

Subscribe
Notify of
guest
14 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Anjali Tripathi

Excellent work

Brinda S

wow!

Amna Alim

well written!

Stuti Jhaveri

Loved this !

Mohit Dahiya

You write so well

Kritika Bhair

You write so well!!

Jigyasa vashistha

Thanks alot for this article. Sending you positive vibes✨❤

Yashaswini Bhat

I am impressed with your Hindi vocabulary. well written

Dikshitha Surana.Y

Woah! This is so informative