चलो चलें, कियारा
वरना देर हो जाएगी
खुद को नफरत से आईने में देखा उसने
और सोचा
ये दुनिया कब समझ पाएंगी?
कियारा, इसे नीचे रखो
तुम्हें लग जाएगा और दर्द देगा
क्या अच्छा लगेगा
जब ज़माना पागल कहेगा?
रोना बन्द करो, कियारा
आंसू तुम्हें कमजोर बनाते हैं
ये काजल पोंछ लो
यह तुम्हारी उदासी दर्शाते हैं
समय से दवाईयां लो, कियारा
तुम्हें कोशिश करनी होगी
भूल जाओ जो चक्कर तुम्हें आते हैं
तभी तुम लम्बा जीओगी
ऊपर देखो और ताव में चलो, कियारा
कोई न जानने पाए तुम्हारे विचार
तुम्हें खुश दिखना होगा सबके सामने
चाहे तुम्हारा दिल हर पल रोता हो दुःख में
थोड़ा मुस्कुराओ, कियारा
दिखाओ अपनी सुन्दर मुस्कान
भूल जाओ काली रातों को
बचा सको तो बचा लो अपना मान!
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