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करोना!

वक़्त तूने हम सबको रोक लिया है

हम सबकी हिम्मत को इस कदर तोड़ दिया है

जो दुनिया कभी ना रुकने पे इतराती थी

उस दुनिया की घमंड को तूने तोड़ दिया है l

करोना का कहर हम सब पे टूट पड़ा है

जिंदगी जैसे रुक गई है

जो देश अपनी कामयाबी पे फक्र करते थे

उनकी गर्दन भी शर्म से झुक गई है l

प्रकृति अपना रूप बदल रही है

इंसानो को अपनी छत्रछाया से दूर कर रही है

जो चिकित्सक अपनी सफलता पे घरूर करते थे

आज वो उन्हे इस कदर मजबूर कर रही है l

अपनो को इस साल खो दिया

उनसे आखिरी बार मिलने की ख्वाइश थी

करोना ने यह भी ना होने दिया

हे ईश्वर, ये कैसी आज़माईश् थी l

ए बंदे अब तो संभल जा

उसकी मर्ज़ी के आगे कोई नहीं

यह बात तो तू समझ जा

अगर अपनी जान की फिक्र है तो संभल के जीना सीख ले

अगर अपनो की फिक्र है तो उनके पास तू ठहर जा l

~Ispreha Bailung

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Written by Ispreha

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